भारतीय संविधान का इतिहास (History of the Indian Constitution) in Detail
भारतीय संविधान को बनाने की प्रक्रिया अत्यंत विस्तृत और व्यवस्थित थी। इसे तैयार करने में 2 साल 11 महीने 18 दिन लगे। यह दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है और इसे स्वतंत्र भारत की शासन प्रणाली को निर्धारित करने के लिए तैयार किया गया था।
1. भारतीय संविधान निर्माण से पहले की पृष्ठभूमि
(i) भारत में ब्रिटिश शासन और संविधान का विकास
1858 में, भारत ब्रिटिश क्राउन के अधीन आ गया और गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट, 1858 लागू किया गया, जिसने भारत में ब्रिटिश सरकार के प्रत्यक्ष शासन की नींव रखी। इसके बाद, कई अधिनियम लाए गए, जिन्होंने भारतीय प्रशासन को प्रभावित किया:
भारतीय परिषद अधिनियम, 1861 (Indian Councils Act, 1861)
- पहली बार भारतीयों को विधान परिषद (Legislative Council) में नामांकित किया गया।
भारतीय परिषद अधिनियम, 1892 (Indian Councils Act, 1892)
- विधायी निकायों में भारतीय सदस्यों की भागीदारी बढ़ी।
भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 (Morley-Minto Reforms)
- "संप्रगट निर्वाचन" (Separate Electorates) की शुरुआत की गई, जिससे मुसलमानों को अलग से वोट डालने का अधिकार मिला।
भारत सरकार अधिनियम, 1919 (Government of India Act, 1919)
- "द्वैध शासन" (Dyarchy) प्रणाली लागू हुई, जिसमें प्रशासन के कुछ हिस्से भारतीय मंत्रियों को सौंपे गए।
भारत सरकार अधिनियम, 1935 (Government of India Act, 1935)
- इस अधिनियम ने संघीय ढांचे (Federal Structure) और स्वायत्त प्रांतीय शासन की नींव रखी।
- इसी अधिनियम के आधार पर बाद में भारतीय संविधान तैयार किया गया।
2. संविधान निर्माण की प्रक्रिया
(i) संविधान सभा का गठन (Formation of Constituent Assembly)
संविधान सभा का गठन 9 दिसंबर 1946 को हुआ। इसे ब्रिटिश सरकार के "कैबिनेट मिशन योजना (Cabinet Mission Plan)" के तहत स्थापित किया गया था।
संविधान सभा की संरचना:
- कुल सदस्य: 389
- ब्रिटिश भारत से: 292 सदस्य
- देशी रियासतों से: 93 सदस्य
- मुख्य आयुक्त क्षेत्रों से: 4 सदस्य
- मुस्लिम लीग के बहिष्कार के कारण, संविधान सभा का कार्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आगे बढ़ाया।
संविधान सभा की प्रमुख समितियाँ:
समिति का नाम | अध्यक्ष |
---|---|
संविधान प्रारूप समिति (Drafting Committee) | डॉ. भीमराव अंबेडकर |
संघ शक्ति समिति (Union Powers Committee) | पंडित जवाहरलाल नेहरू |
मौलिक अधिकार समिति (Fundamental Rights Committee) | सरदार वल्लभभाई पटेल |
राज्यों की पुनर्संगठन समिति | सरदार वल्लभभाई पटेल |
संघीय संविधान समिति | जवाहरलाल नेहरू |
(ii) संविधान मसौदा समिति (Drafting Committee) – 29 अगस्त 1947
संविधान निर्माण के लिए संविधान मसौदा समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को हुआ, जिसके अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे।
संविधान प्रारूप समिति के अन्य सदस्य:
- डॉ. बी.आर. अंबेडकर (अध्यक्ष)
- एन. गोपालस्वामी आयंगर
- टी.टी. कृष्णमाचारी
- के.एम. मुंशी
- सैय्यद मोहम्मद सादुल्लाह
- बी.एल. मित्तर
- डी.पी. खेतान
(iii) संविधान के निर्माण की प्रक्रिया
संविधान सभा की पहली बैठक – 9 दिसंबर 1946
- इस बैठक की अध्यक्षता डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा ने की थी।
- 11 दिसंबर 1946 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया।
उद्देश्य प्रस्ताव (Objective Resolution) – 13 दिसंबर 1946
- पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया, जिसे संविधान की प्रस्तावना (Preamble) के रूप में स्वीकार किया गया।
संविधान का प्रारूप तैयार करना
- संविधान मसौदा समिति ने 4 नवंबर 1947 को पहला मसौदा प्रस्तुत किया।
- कुल 114 बैठकें हुईं, जिनमें संविधान पर विस्तृत चर्चा की गई।
संविधान का अंतिम मसौदा – 26 नवंबर 1949
- संविधान को औपचारिक रूप से अपनाया गया।
- 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
संविधान लागू होना – 26 जनवरी 1950
- इस दिन भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया।
- इसी दिन भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पद ग्रहण किया।
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा और विस्तृत लिखित संविधान है। इसमें विभिन्न देशों के संविधानों की सर्वोत्तम विशेषताओं को शामिल किया गया है। यह भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित करता है। इसकी कई महत्वपूर्ण विशेषताएँ इसे अन्य संविधानों से अलग बनाती हैं।
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा और विस्तृत लिखित संविधान है।
- मूल संविधान (1950):
- 395 अनुच्छेद (Articles)
- 22 भाग (Parts)
- 8 अनुसूचियाँ (Schedules)
- वर्तमान में (संशोधनों के बाद):
- 470+ अनुच्छेद
- 25 भाग
- 12 अनुसूचियाँ
इसके विस्तार का कारण यह है कि भारत जैसे विविधता वाले देश में एक मजबूत और विस्तृत संविधान की आवश्यकता थी।
संविधान की प्रस्तावना (Preamble) इसके उद्देश्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करती है।
"हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने का संकल्प लेते हैं..."
प्रस्तावना के महत्वपूर्ण शब्द:
- संप्रभु (Sovereign) – भारत किसी भी बाहरी शक्ति से स्वतंत्र है।
- समाजवादी (Socialist) – समाज में आर्थिक और सामाजिक समानता का लक्ष्य।
- पंथनिरपेक्ष (Secular) – सभी धर्मों को समान दृष्टि से देखना।
- लोकतांत्रिक (Democratic) – जनता द्वारा चुनी गई सरकार।
- गणराज्य (Republic) – राष्ट्राध्यक्ष वंशानुगत नहीं होता, बल्कि चुनाव के माध्यम से चुना जाता है।
भारतीय संविधान संघीय (Federal) और एकात्मक (Unitary) दोनों विशेषताओं को अपनाता है।
संघीय विशेषताएँ (Federal Features):
- सरकार को केंद्र और राज्यों में विभाजित किया गया है।
- तीन सूचियाँ (Lists) में शक्तियों का विभाजन:
- संघ सूची (Union List) – केंद्र सरकार के विषय (रक्षा, विदेश नीति)।
- राज्य सूची (State List) – राज्य सरकार के विषय (पुलिस, कृषि)।
- समवर्ती सूची (Concurrent List) – दोनों के विषय (शिक्षा, वन संरक्षण)।
एकात्मक विशेषताएँ (Unitary Features):
- राष्ट्रपति के पास आपातकालीन शक्तियाँ हैं (अनुच्छेद 352, 356, 360)।
- संविधान में एक एकल नागरिकता दी गई है।
- भारतीय संविधान कठोर और लचीला (Rigidity & Flexibility) दोनों प्रकार का है।
भारतीय संविधान ब्रिटिश मॉडल पर आधारित संसदीय प्रणाली को अपनाता है।
- राष्ट्रपति – संवैधानिक प्रमुख (Nominal Head) होते हैं।
- प्रधानमंत्री – वास्तविक कार्यकारी प्रमुख (Real Head) होते हैं।
- लोकसभा (Lower House) और राज्यसभा (Upper House) से मिलकर संसद बनती है।
संविधान के भाग III (अनुच्छेद 12-35) में 6 मौलिक अधिकार दिए गए हैं:
समानता का अधिकार (Right to Equality - अनुच्छेद 14-18)
- सभी नागरिक कानून के सामने समान हैं।
- जाति, धर्म, लिंग, जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव निषेध।
स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom - अनुच्छेद 19-22)
- भाषण, अभिव्यक्ति, आंदोलन और व्यवसाय की स्वतंत्रता।
शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right against Exploitation - अनुच्छेद 23-24)
- जबरन श्रम और बाल श्रम पर प्रतिबंध।
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom of Religion - अनुच्छेद 25-28)
- सभी धर्मों को मानने, प्रचार करने और अनुसरण करने की स्वतंत्रता।
संस्कृति और शिक्षा का अधिकार (Cultural & Educational Rights - अनुच्छेद 29-30)
- सभी समुदायों को अपनी संस्कृति और भाषा संरक्षित करने का अधिकार।
संवैधानिक उपचारों का अधिकार (Right to Constitutional Remedies - अनुच्छेद 32)
- यदि मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो व्यक्ति उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर सकता है।
- 42वें संशोधन (1976) के तहत मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा गया।
- वर्तमान में 11 मौलिक कर्तव्य हैं, जैसे –
- संविधान का पालन करना।
- राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना।
- देश की रक्षा करना।
7. नीति निर्देशक तत्व (Directive Principles of State Policy - DPSP)
संविधान के भाग IV (अनुच्छेद 36-51) में नीति निदेशक तत्वों को शामिल किया गया है।
- ये सरकार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत होते हैं, लेकिन न्यायालय में बाध्यकारी नहीं होते।
- इनमें शामिल हैं:
- समान वेतन और सामाजिक कल्याण।
- निःशुल्क शिक्षा और रोजगार के अवसर।
8. स्वतंत्र न्यायपालिका (Independent Judiciary)
- न्यायपालिका स्वतंत्र है और किसी भी सरकार के प्रभाव में नहीं आती।
- भारत में तीन स्तरीय न्यायिक प्रणाली है:
- सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)
- उच्च न्यायालय (High Court)
- अधीनस्थ न्यायालय (Subordinate Courts)
- भारतीय संविधान केवल एकल नागरिकता (Single Citizenship) प्रदान करता है, जबकि अमेरिका में दोहरी नागरिकता (Dual Citizenship) होती है।
- भारतीय संविधान को आवश्यकतानुसार संशोधित (Amend) किया जा सकता है।
- अब तक 100+ संशोधन (Amendments) किए जा चुके हैं।
- संशोधन की प्रक्रिया अनुच्छेद 368 के तहत होती है।
संविधान में तीन प्रकार के आपातकाल घोषित करने का प्रावधान है:
- राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) – अनुच्छेद 352
- राज्य आपातकाल (President’s Rule) – अनुच्छेद 356
- वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) – अनुच्छेद 360
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा और विस्तृत लिखित संविधान है। इसमें भारत के शासन तंत्र, मौलिक अधिकारों, नीति निर्देशक तत्वों, नागरिकों के कर्तव्यों और संघीय ढांचे को विस्तार से परिभाषित किया गया है। संविधान की संरचना को विभिन्न भागों (Parts), अनुच्छेदों (Articles) और अनुसूचियों (Schedules) में विभाजित किया गया है।
भारतीय संविधान को स्पष्ट और संगठित रूप से तैयार करने के लिए इसे भागों (Parts), अनुच्छेदों (Articles), अनुसूचियों (Schedules) और उपबंधों (Provisions) में विभाजित किया गया है।
- भाग (Parts) – संविधान को कुल 25 भागों में बांटा गया है।
- अनुच्छेद (Articles) – इसमें 470+ अनुच्छेद शामिल हैं।
- अनुसूचियाँ (Schedules) – वर्तमान में 12 अनुसूचियाँ हैं, जो संवैधानिक प्रावधानों को स्पष्ट करती हैं।
संविधान में 25 भाग हैं, जिनमें विभिन्न सरकारी संरचनाओं, अधिकारों और कर्तव्यों को शामिल किया गया है।
भाग (Part) | विषय (Subject) | अनुच्छेद (Articles) |
---|---|---|
भाग I | संघ और उसका क्षेत्र (Union and its Territory) | 1-4 |
भाग II | नागरिकता (Citizenship) | 5-11 |
भाग III | मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) | 12-35 |
भाग IV | राज्य के नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy) | 36-51 |
भाग IV-A | मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties) | 51A |
भाग V | संघ सरकार (Union Government) | 52-151 |
भाग VI | राज्य सरकारें (State Governments) | 152-237 |
भाग VII | (हटा दिया गया) | - |
भाग VIII | केंद्र शासित प्रदेश (Union Territories) | 239-242 |
भाग IX | पंचायत (Panchayats) | 243-243O |
भाग IX-A | नगर पालिकाएँ (Municipalities) | 243P-243ZG |
भाग X | अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र (Scheduled and Tribal Areas) | 244-244A |
भाग XI | संघ और राज्यों के बीच संबंध (Relations between Union & States) | 245-263 |
भाग XII | वित्त, संपत्ति, अनुबंध और वाद (Finance, Property, Contracts & Suits) | 264-300A |
भाग XIII | भारत के अंदर व्यापार और वाणिज्य (Trade, Commerce & Intercourse within India) | 301-307 |
भाग XIV | संघ और राज्य के अधीन सेवाएँ (Services under the Union & States) | 308-323 |
भाग XIV-A | प्रशासनिक न्यायाधिकरण (Tribunals) | 323A-323B |
भाग XV | चुनाव (Elections) | 324-329A |
भाग XVI | विशेष प्रावधान (Special Provisions for SCs, STs, and OBCs) | 330-342 |
भाग XVII | आधिकारिक भाषा (Official Language) | 343-351 |
भाग XVIII | आपातकालीन प्रावधान (Emergency Provisions) | 352-360 |
भाग XIX | विविध प्रावधान (Miscellaneous Provisions) | 361-367 |
भाग XX | संविधान संशोधन (Amendment of the Constitution) | 368 |
भाग XXI | अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष प्रावधान (Temporary, Transitional & Special Provisions) | 369-392 |
भाग XXII | संविधान का लघु नाम, प्रारंभ और निरसन (Short Title, Commencement & Repeals) | 393-395 |
भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियाँ (List of 12 Schedules of Indian Constitution)
अनुसूची (Schedule) | संविधान के अनुच्छेद (Articles) | विषय (Subject Matter) |
---|---|---|
पहली अनुसूची (1st Schedule) | अनुच्छेद 1 और 4 | भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची। |
दूसरी अनुसूची (2nd Schedule) | अनुच्छेद 59, 65, 75, 97, 125, 148, 158, 164, 186 और 221 | राष्ट्रपति, राज्यपाल, संसद के सदस्यों, न्यायाधीशों और अन्य संवैधानिक पदाधिकारियों के वेतन और भत्ते। |
तीसरी अनुसूची (3rd Schedule) | अनुच्छेद 75, 99, 124, 132, 148 और 164 | विभिन्न संवैधानिक पदों (राष्ट्रपति, राज्यपाल, मंत्री, सांसद, न्यायाधीश आदि) के लिए ली जाने वाली शपथ और प्रतिज्ञा। |
चौथी अनुसूची (4th Schedule) | अनुच्छेद 4 और 80 | राज्यसभा में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए सीटों का आवंटन। |
पांचवीं अनुसूची (5th Schedule) | अनुच्छेद 244(1) | अनुसूचित क्षेत्रों (Scheduled Areas) और अनुसूचित जनजातियों (Scheduled Tribes) के प्रशासन के लिए विशेष प्रावधान। |
छठी अनुसूची (6th Schedule) | अनुच्छेद 244(2) और 275(1) | असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के आदिवासी क्षेत्रों के लिए विशेष स्वायत्तशासी परिषदों की व्यवस्था। |
सातवीं अनुसूची (7th Schedule) | अनुच्छेद 246 | भारत में शासन के स्तरों के बीच शक्तियों का विभाजन – संघ सूची (Union List), राज्य सूची (State List) और समवर्ती सूची (Concurrent List)। |
आठवीं अनुसूची (8th Schedule) | अनुच्छेद 344 और 351 | संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची (वर्तमान में 22 भाषाएँ)। |
नौवीं अनुसूची (9th Schedule) | अनुच्छेद 31B | भूमि सुधार कानूनों और कुछ अन्य कानूनों को न्यायिक समीक्षा से बाहर रखने के लिए बनाई गई अनुसूची। |
दसवीं अनुसूची (10th Schedule) | अनुच्छेद 102 और 191 | दल-बदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law), जो सांसदों और विधायकों के दल-बदल को रोकता है। |
ग्यारहवीं अनुसूची (11th Schedule) | अनुच्छेद 243-G | पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत ग्राम पंचायतों की शक्तियाँ, अधिकार और कार्यों की सूची। |
बारहवीं अनुसूची (12th Schedule) | अनुच्छेद 243-W | नगर पालिकाओं (Urban Local Bodies) के कार्यों, शक्तियों और जिम्मेदारियों की सूची। |
- इसमें भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची दी गई है।
- यह भारत के संघीय ढांचे को परिभाषित करती है।
- समय-समय पर इसमें बदलाव होते रहते हैं (जैसे जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया)।
इसमें निम्नलिखित संवैधानिक पदों के वेतन और भत्तों की जानकारी दी गई है:
- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति
- राज्यपाल
- लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीश
- संसद और राज्य विधानमंडल के सदस्य
- इसमें विभिन्न संवैधानिक पदाधिकारियों द्वारा ली जाने वाली शपथ (Oath) और प्रतिज्ञाएँ (Affirmation) शामिल हैं।
- प्रधानमंत्री, मंत्रियों, सांसदों, न्यायाधीशों आदि की शपथ इस अनुसूची के अनुसार होती है।
- यह विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए राज्यसभा में सीटों का निर्धारण करती है।
- प्रत्येक राज्य की जनसंख्या के अनुसार उसे राज्यसभा में सीटें मिलती हैं।
- इसमें उन क्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधान हैं जहाँ अनुसूचित जनजातियाँ निवास करती हैं।
- केंद्र सरकार को इन क्षेत्रों के लिए विशेष कानून बनाने की शक्ति दी गई है।
- असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन के लिए विशेष प्रावधान।
- इन क्षेत्रों में स्वायत्तशासी जिला परिषदों (Autonomous District Councils) की स्थापना की गई है।
संविधान में सरकार की शक्तियों को तीन सूचियों में विभाजित किया गया है:
- संघ सूची (Union List) – केवल केंद्र सरकार कानून बना सकती है (97 विषय, जैसे रक्षा, विदेश नीति)।
- राज्य सूची (State List) – केवल राज्य सरकार कानून बना सकती है (66 विषय, जैसे पुलिस, कृषि)।
- समवर्ती सूची (Concurrent List) – दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं (47 विषय, जैसे शिक्षा, वन संरक्षण)।
- इसमें संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची है।
- मूल संविधान में 14 भाषाएँ थीं, वर्तमान में 22 भाषाएँ हैं।
- इसे पहले संविधान संशोधन (1951) में जोड़ा गया।
- इसमें शामिल कानूनों को न्यायिक समीक्षा से छूट दी गई थी।
- 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि नौवीं अनुसूची में शामिल कानून भी न्यायिक समीक्षा के अधीन हो सकते हैं।
- इसे 52वें संविधान संशोधन (1985) में जोड़ा गया।
- यह सांसदों और विधायकों के दल-बदल (Defection) को रोकता है।
- इसे 73वें संशोधन (1992) के तहत जोड़ा गया।
- इसमें पंचायतों की शक्तियाँ और कार्य सूचीबद्ध किए गए हैं।
- इसे 74वें संशोधन (1992) में जोड़ा गया।
- इसमें नगर पालिकाओं (Municipalities) के कार्य, शक्तियाँ और जिम्मेदारियाँ शामिल हैं।